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क्या आप जानते हैं दोस्ती का जश्न क्यों मनाया जाता है? जानें मित्रता दिवस का इतिहास!

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मित्रता दिवस 2025: दोस्ती का जश्न

Friendship Day 2025 (Image Credit-Social Media)

मित्रता दिवस 2025: दोस्ती एक ऐसा बंधन है, जो सुनते ही दिल में गर्माहट और चेहरे पर मुस्कान लाता है। स्कूल और कॉलेज की शरारतें, टिफिन साझा करना, रातभर की बातें और मुश्किल समय में एक-दूसरे का सहारा बनना – यही दोस्ती का असली जादू है। शायद ही कोई रिश्ता इतना अनमोल और निस्वार्थ होता है। इसी खूबसूरत रिश्ते को मनाने के लिए हर साल 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस (International Friendship Day) मनाया जाता है। यह दिन न केवल दोस्तों के बीच के बंधन को मजबूत करता है, बल्कि दुनिया में शांति और भाईचारे का संदेश भी फैलाता है।


मित्रता दिवस की उत्पत्ति: एक डिनर जिसने सब कुछ बदल दिया

अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस की शुरुआत 1958 में हुई। पराग्वे के डॉक्टर रामन आर्टेमियो ब्राचो ने अपने दोस्तों के साथ प्यूर्टो पिनास्को में एक डिनर के दौरान यह विचार प्रस्तुत किया कि क्यों न दोस्ती को वैश्विक स्तर पर मनाया जाए। उनका मानना था कि दोस्ती केवल व्यक्तिगत रिश्तों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देशों और संस्कृतियों के बीच शांति का पुल बन सकती है।

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इस डिनर से वर्ल्ड फ्रेंडशिप क्रूसेड की स्थापना हुई, जो नस्ल, रंग और धर्म की दीवारें तोड़कर दोस्ती को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। उसी वर्ष 30 जुलाई 1958 को पराग्वे में पहली बार मित्रता दिवस मनाया गया।

धीरे-धीरे यह परंपरा पूरे लैटिन अमेरिका में फैल गई और अंततः 2011 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 30 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस के रूप में मान्यता दी। यूएन का मानना है कि दोस्ती समाज में सहयोग, विश्वास और शांति को बढ़ावा देती है और यह नफरत और हिंसा को कम कर सकती है।


भारत में मित्रता दिवस: 30 जुलाई या अगस्त का पहला रविवार?

भारत में मित्रता दिवस को लेकर हमेशा एक दिलचस्प कन्फ्यूजन रहा है।

• संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इसे 30 जुलाई को मनाना चाहिए।

• भारत, अमेरिका, बांग्लादेश और मलेशिया जैसे देशों में इसे अगस्त के पहले रविवार को मनाने की परंपरा है।

कहा जाता है कि 1935 में अमेरिका में अगस्त के पहले रविवार को एक घटना हुई थी – एक व्यक्ति की हत्या के बाद उसका दोस्त सदमे में आत्महत्या कर बैठा। इस घटना ने दोस्ती की गहराई को दर्शाया और उस दिन को Friendship Day के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।

भारत में खासकर स्कूल और कॉलेज के युवा अगस्त के पहले रविवार को ज्यादा उत्साह से मित्रता दिवस मनाते हैं। सोशल मीडिया के दौर में लोग दोनों ही दिन अपने दोस्तों को शुभकामनाएँ, गिफ्ट और फ्रेंडशिप बैंड्स भेजते हैं। इस वजह से अब हमारे पास दोस्ती का जश्न मनाने के दो मौके हैं!


दोस्ती का महत्व और प्रेरणा

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दोस्ती वह रिश्ता है जिसे हम खुद चुनते हैं। माता-पिता और भाई-बहन जन्म से मिलते हैं, पर दोस्त हमारी दिल की पसंद होते हैं। एक सच्चा दोस्त वही है जो

• सुख में हंसे,

• दुख में सहारा बने,

• और गलत राह पर जाने से रोके।

भारतीय संस्कृति में भी दोस्ती की महान मिसालें हैं।

• भगवान कृष्ण और सुदामा की दोस्ती इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।

• राम और सुग्रीव, कर्ण और दुर्योधन, इन सबकी कहानियाँ बताती हैं कि सच्ची दोस्ती में अमीरी-गरीबी या ऊँच-नीच मायने नहीं रखती।

आज के दौर में मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी एक अच्छा दोस्त बहुत जरूरी है। जब जीवन की कठिनाइयाँ घेर लेती हैं, तो एक दोस्त का साथ हिम्मत और सुकून दोनों देता है।


कैसे मनाएँ मित्रता दिवस?

मित्रता दिवस मनाने के लिए कोई निश्चित नियम नहीं हैं। यह दिन अपने दोस्तों को यह जताने का है कि वे आपके लिए कितने खास हैं।

• पुराने दोस्तों से मिलें और पुरानी यादें ताजा करें।

• दोस्तों को फ्रेंडशिप बैंड्स और छोटे-छोटे गिफ्ट दें।

• सोशल मीडिया पर उनके लिए प्यारे संदेश और तस्वीरें साझा करें।

• कोई नया अनुभव साझा करें – जैसे ट्रिप, मूवी नाइट, या साथ में कुकिंग।

• और सबसे अहम, अपने दोस्तों का धन्यवाद करें।


एक संदेश

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अंतरराष्ट्रीय मित्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि दोस्ती सिर्फ हंसी-मजाक का नाम नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी और भरोसा है। सच्चा दोस्त वही है जो हर परिस्थिति में आपका साथ दे।

तो इस 30 जुलाई या अगस्त के पहले रविवार, अपने दोस्तों को यह एहसास कराएँ कि वे आपके जीवन का सबसे अनमोल तोहफा हैं। क्योंकि जैसा कि पुरानी कहावत है –

“एक सच्चा दोस्त पूरी जिंदगी की सबसे बड़ी दौलत है।”


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